चार 'अ'के कारण हारी भाजपा बिहार
मुझे लगता है कि बिहार में भाजपा की इस हार में 'असंवेदशीलता', 'आरक्षण', 'अमित शाह'और 'अखलाक़'ने मुख्य भूमिका निभाई। मतलब भाजपाई नेताओं की असंवेदनशील भाषणबाज़ी, आरक्षण के विरुद्ध मोहन भगवत का बयान, अमित...
View Articleपुरुस्कार वापसी पर 'यूपीए की अन्ना आंदोलन वाली'गलती दोहरा रही है मोदी सरकार
देश के बुद्धिजीवियों के द्वारा पुरुस्कार वापसी को कांग्रेस प्रायोजित कहना बिलकुल उसी तरह की कुटिलता दर्शाता है जैसा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन के समय कांग्रेस सरकार ने उसे आर.एस.एस. (राष्ट्रिय...
View Articleनफ़रत और आतंक का सामना विश्व को एकजुट होकर करना पड़ेग
मासूमों के क़त्ल को किसी भी वजह से जायज़ ठहराना आतंकवाद का खुला समर्थन है... बहाने बताकर जायज़ ठहराने वालों की धूर्तता को पहचान लो, जाने-अनजाने यही लोग आतंक के पोषक हैं। बेगुनाहों के क़त्ल पर अगर-मगर करने...
View Articleबेगुनाहों की मौत का बदला बेगुनाहों की हत्या करके नहीं लिया जाना चाहिए
क्या फ़्रांस के बेगुनाहों की मौत का बदला सीरिया के बेगुनाहों की हत्या करके लिया जा सकता है या लिया जाना चाहिए? गुनाह का बदला गुनहगारों से लिया जाना चाहिए ना कि बेगुनाहों से और दुनिया की किसी भी लड़ाई में...
View Article'इस्लाम'किसी 'नाइंसाफी'को जायज़ नहीं ठहराता
इस्लाम में 'इंसाफ'बेहद अहम है, बल्कि इस्लामिक स्कॉलर्स मानते हैं कि रूह की तरह है, मतलब अगर 'इस्लाम'का कोई और नाम हो सकता है तो वोह 'इंसाफ'है। इसमें किसी भी तरह की छोटी सी भी 'नाइंसाफी'को जायज़ नहीं...
View Articleअसहिष्णुता नई नहीं है बल्कि सरकार का रवैया नया है....
रामगोपाल वर्मा और अनुपम खेर साहब के कहने का मतलब है कि अगर एक "हिन्दू बहुल राष्ट्र"में कोई 'मुस्लिम'एक कामयाब 'फिल्म स्टार'बन सकता है तो वहां "कुलबुर्गी, पानसरे जैसे लेखकों की हत्या और बाकी लेखकों को...
View Articleदूसरों पर अपने विचार थोपने और ख़ुद सज़ा देने वाली सोच का जमकर विरोध आवश्यक है
अपनी सोच दूसरों पर थोपने और ख़ुद से सज़ा देने की सोच गुंडागर्दी है और इसका जमकर विरोध किया जाना चाहिए।मुल्क, पंथ या फिर धर्म इत्यादि से मुहब्बत दिल से होनी चाहिए ना कि दिखावा! दिखावा आम होने से लोग...
View Articleशे`र: रूठते हैं कभी मान जाते हैं....
रूठते हैं कभी मान जाते हैंकुछ ऐसे बेक़रार करते हैंजो बोलना है, बोलते ही नहींवैसे बाते हज़ार करते है- शाहनवाज़ 'साहिल'फ़िलबदीह मुशायरा - 022 में आदित्य आर्य जी के मिसरे 'प्यार जो बेशुमार करते है'पर मेरे दो...
View Articleप्रदुषण के ख़तरे पर सम-विषम फार्मूला और हमारी ज़िम्मेदारी
दिल्ली सरकार ने गाड़ियों को चलाने का सम-विषम फार्मूला सामने रखा, हो सकता है नाकामयाब रहे और यह भी हो सकता है कि कामयाब हो जाए... मगर हम लोग विषय की गंभीरता को समझने और कार पूल, सार्वजानिक परिवहन या...
View Articleछूटना नहीं चाहिए निर्भया का गुनहगार
मानता हूँ कि कुछ चीज़ें संवैधानिक मज़बूरी में करनी पड़ती हैं, जैसे कि निर्भया केस में जघन्यय अपराध करने के बावजूद नाबालिग लड़के को अदालत ने फांसी देने अथवा जेल भेजने की जगह 3 साल के लिए बाल सुधर गृह में...
View Articleहाल-बेहाल बाजार-ऐ-दिल्ली
दिल्ली में पैदल चलने की आदत बनी रहती है, भला हो हमारे बाज़ारों का पांच मिनट का रास्ता आधा घण्टे में तय करने का मौका मिल जाता है। अगर आप दिल्ली से बाहर चलें जाएं तो भीड़भाड़ की आदत के कारण दिल लगता ही...
View Articleलोकप्रिय प्रधानमंत्री और कमज़ोर विपक्षी नेतृत्व
एबीपी न्यूज़ के सर्वे 'देश का मूड'के मुताबिक़ तक़रीबन हर मुद्दे पर जनता की राय मोदी सरकार के विरुद्ध है, परन्तु लोकप्रियता के मामले में प्रधानमंत्री मोदी अपने समकक्ष दूसरे नेताओं से कहीं आगे हैं... आपकी...
View Articleखाकिश्तरों से होना यूँ अन्जान भी भारी रहा
इस ज़िन्दगी का इश्क़िया उन्वान भी भारी रहाखाकिश्तरों से होना यूँ अन्जान भी भारी रहाहम दुनिया को समझते रहे शादमानियाँइन हसरतों का होना यूँ मेहमान भी भारी रहा- शाहनवाज़ 'साहिल'शब्दों के अर्थ:उन्वान =...
View Articleदेशभक्ति का सर्टिफिकेट मांगने वालों को मुंहतोड़ जवाब दीजिये
एक हिंदुस्तानी होने के नाते मेरा अंतर्मन, मेरा रोम-रोम ख़ुद-बाखुद हिंदुस्तान ज़िंदाबाद बोलता है, अगर कोई यह कहता कि मुझे यह सिखाना पड़ेगा तो वो आप सब को मेरे खिलाफ भड़का रहा है, वोह अपने कुटिल शब्दों का...
View Articleवो कितना जानता है
वो कितना जानता है मेरे अंदर झांक लेता हैमेरी हँसी में छुपती हर उदासी भांप लेता है- शाहनवाज़ 'साहिल'#Sher
View Articleमोदी जी और 'बिना बारहवीं पास किये ग्रेजुएशन करें'जैसे विज्ञापन
आजकल प्रधानमंत्री मोदी जी की डिग्री का मामला चारो और चर्चा का विषय है, हम अक्सर दीवारों पर एक विज्ञापन लिखा देखते हैं कि 'बिना दसवीं पास किये बारहवीं करें'या फिर बिना 'दसवीं, बारहवीं पास किये ग्रेजुएशन...
View Article'भ्रष्टाचार'सांप्रदायिकता और डर की राजनीति का असल मक़सद है
राजनैतिक पार्टियों द्वारा सबकी बात करने की जगह सिर्फ हिन्दू या मुसलमानों की बात करना केवल एक भ्रमजाल है, जिससे इन्हे छोड़कर बाकी किसी और को कुछ हासिल होने वाला नहीं है। हमें अलग से कुछ नहीं चाहिए, ज़रूरत...
View Articleहत्या, मुआवज़ा और उसमें धार्मिक एंगल की शर्मनाक कोशिश
अपनी ईमानदारी और धमकियों के बावजूद करप्शन के आगे नहीं झुकने के कारण क़त्ल कर दिए गए NDMC स्टेट मैनेजर मुहम्मद मोईन ख़ान के परिवार को दिल्ली सरकार द्वारा 1 करोड़ रूपये की मदद को कई अंधभक्त बेशर्मी के साथ...
View Articleबदलाव लाने के लिए जागना होगा
व्यवस्था की नाकामी या फिर भेदभाव जैसे कारणों से उपजा गुस्सा एक स्वाभाविक क्रिया है... अगर बदलाव चाहते हैं तो इस गुस्से का दुरूपयोग करने की जगह सदुपयोग होना चाहिए... और सब्र से काम लेने वाला ही अपने...
View Articleदोहरा रवैया या तानाशाही?
Ameeque Jamei को भाजपा विधायक ओ पी शर्मा ने मीडिया के सामने तथा आप पार्षद राकेश कुमार को भाजपा पार्षदों ने कैमरे के सामने मारा था, क्या कोई कार्यवाही हुई थी?पर वहीँ दूसरी ओर एक शिकायत भर पर पुलिस...
View Articleनफ़रत पालने वाले
इन नफ़रत पालने वालों कोकहां परवाह है सत्य कीउन्हें बस नफरत है,कुछ नामों से,कुछ चेहरों से,कुछ लिबासों से,और अपने ख़िलाफ़उठती हुई आवाज़ों से...- शाहनवाज़ 'साहिल'#हिन्दी_ब्लॉगिंग
View Articleसरकार द्वारा विमर्श के मुद्दे तय करने की रणनीति और कमज़ोर विपक्ष
GDP गिर रही है, व्यापार का बुरा हाल है, सारा बाज़ार चंद कारोबारियों की मुट्ठी में पहुंचाया जा रहा है, नौकरियाँ खत्म हो रही हैं, जबरन टेक्स बढ़ाया जा रहा है, महंगाई रोज़ बढ़ रही है, इंफ्रास्ट्रक्चर में कुछ...
View Articleमदरसों की शिक्षा में परिवर्तन आज की ज़रूरत है
अगर माँ-बाप ने दुनियावी पढ़ाई के मरकज़ यानी स्कूल में दाखिला करा दिया और छात्र का जज़्बा आलिम या मुफ़्ती बनने का था तो नहीं बन सकता, ऐसे ही छात्र का दिल तो डॉक्टर / इंजिनियर / मार्केटिंग प्रोफेशनल /...
View Articleसामाजिक न्याय और बराबरी के लिए एकजुट होकर संघर्ष करना पड़ेगा - स्वर्गीय डॉ....
सामाजिक न्याय और बराबरी के लिए लड़ने वाले स्वर्गीय असग़र अली इंजिनियर साहब मुझ जैसे अनेकों के लिए प्रेरणास्त्रोत थे और हमेशा रहेंगे, उन्होंने अपनी सारी ज़िन्दगी गैर-बराबरी और धार्मिक कट्टरपंथ के विरुद्ध...
View Articleसजा का मकसद केवल दोषी को सुधारना नहीं होता
यह एक गलत तर्क है कि सजा का मकसद केवल दोषी को सुधारना होता है, सजा का मकसद केवल दोषी को सुधारना नहीं बल्कि अन्य लोगो को गलत कार्य और उसके परिणाम के प्रति चेताना भी होता है। मतलब बुरे काम का बुरा नतीजा...
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